South Africa में ईंधन की कीमत बढ़ेगी: क्या इसका भारत पर असर पड़ सकता है।

 South Africa में ईंधन की कीमत बढ़ेगी क्या भारत पर इसका असर पड़ेगा हैं?

South Africa में ईंधन की कीमत बढ़ेगी: क्या इसका भारत पर असर पड़ सकता है।
Increase Price Of Fuel In International Market



ऑटोमोबाइल एसोसिएशन ने हाल ही में जानकारी दी है कि ईंधन की कीमतों में नवंबर के महीनों में बढ़ोतरी हो सकती है जो पांच महीने से तेल पर गिरावट और जो कीमत स्थिर था अब बढ़ने वाला है सेंट्रल एनर्जी फंड (सीईएफ) के अनुसार , अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है ये तेल पर बढ़ती हुई कीमत किन किन देशों पर अधिक प्रभाव डाल सकता है आइए देखते है।

 तेजी से तेल बढ़ोतरी के क्या क्या कारण है?

तेल की कीमत बढ़ने का कई कारण है जिससे तेल की कीमत की बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है ये अनुमान ऑटोमोबाइल एसोसिएशन (एए) और सेंट्रल एनर्जी फंड के द्वारा ये सूचना आया है बढ़ती हुई वाहन और अधिIncreaseक खर्चा हो रहा फ्यूल प्रमुख कारण नहीं है तेल का कीमत बढ़ने का इसका कई कारण है।
  1. ओपेक+ द्वारा उत्पादन में कटौती: तेल की उत्पादन में कटौती कर रहा है जिससे बाजार में तेल की कमी हो रही है जिससे तेल की कीमत बढ़ने की संभावना है ।
  2. मध्य पूर्व में भू - राजनीतिक तनाव: एक दूसरे देशों में लड़ाई होने के कारण जैसे इजरायल और हमास के बीच हाली में हुई लड़ाई साथ ही ईरान और उसके सहयोगी समूहों भी इस तनाव को बढ़ा रहे है अगर जिस देश से तेल उत्पादन होता है उस देश में कोई स्थिरता आती है तो कच्चे तेल के उत्पादन में कमी आता है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कमी होने लगता है जिससे तेल की कमी के कारण कीमत में बढ़ोतरी होने लगता है तो ये अभी मध्य पूर्व देशों में हो रहा है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमत बढ़ने वाली है।
  3. आर्थिक प्रभाव: किसी भी देशों में यदि एक्सपोर्ट और इंपोर्ट बंद होने लगता है और डॉलर के मुकाबले उनके मुद्रा का वैल्यू गिरने लगता है तो इसके कारण भी कई चीजों की कीमत बढ़ने लगती है तो यही कारण दक्षिण अफ्रीका में हो रहा है जहां उनकी मुद्रा डॉलर से कम हो रही है।

क्या भारत में इसका प्रभाव पड़ सकता है?

तो हां इसका भारत पर प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि ये हर एक देशों पर प्रभाव डाल सकता है क्योंकि तेल का उत्पादन में कटौती कर रही है मध्य पूर्व के देश जहां पर कच्चे तेल का उत्पादन कम किया जा रहा है लेकिन ये हर देशों पर उनके डॉलर के मुकाबले कितना उनका मुद्रा का वैल्यू है यानी कि उनका मुद्रा डॉलर से गिर रहा है या नहीं ,उनके देशों में कितना फ्यूल का उपयोग किया जा रहा है इस अनुसार भी प्रभाव पड़ेगा तेल की कीमत बढ़ेगी या नहीं उम्मीद है कि ये 4 नवंबर को मालूम चलेगा और कितना बढ़ेगा ये सब 4 नवंबर को मालूम चलेगा और 6 नवंबर को लागू कर दिया जाएगा ।
निष्कर्ष:
इससे निष्कर्ष ये निकलता है कि भारत पर कुछ हद तक प्रभाव देखने को मिल सकता है क्योंकि भारत में बहुत जायदा आयात निर्यात हो रहा है यह पर वाहनों की संख्या  बढ़ती जा रही है यह पर फ्यूल का उपयोग बहुत जायदा हो रहा है तो ये भारत में उन लोगो को सबसे ज्यादा प्रभाव डालेगा जिनको बहुत जायदा घूमना होता है जैसे ऑफिस जाना या कोई काम करना घूम घूम कर ये उन लोगो पर बहुत जायदा प्रभाव डालेगा।

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